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छुट्टी तू जल्दी आया कर,
तेरे बिना होता नहीं बसर,
तू क्यों रहती इतनी दूर,
आती है मन तरसा कर!
छुट्टी तू जल्दी आया कर,
छोटी थक गयी पढ़-पढ़ कर,
माँ से कहती रो-रो कर,
संडे को खेलना है जी भर कर!
छुट्टी तू जल्दी आया कर,
पापा रहते हैं घर से दूर,
जब आते हैं घर पर,
लाते हैं खिलौने झोले भर कर!
छुट्टी तू जल्दी आया कर,
माँ तो है भोली गृहणी,
घर संभालती मेहनत कर,
जाने को मिलता ब्यूटी पार्लर!
छुट्टी तू जल्दी आया कर,
छुट्टी तू जल्दी आया कर!
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Image by yours truly
Location: Mussoorie
Very nice
Thanks a lot.
mam m to apki poem ka fan ho gya Hu
वाह। धन्यवाद।
👌👌👍👍