जंगल में निवेश – कविता

भोली भाली चीची आई, डरते डरते मां को समाचार बताई— “जिस पेड़ पर रहते हैं हम, जिस पर खाते, खेला करते हरदम, उस पेड़ को काटेगा कोई।” कहते-कहते खूब वो रोई। चीची की मांँ गई थोड़ी डर, बोली, “परिवार है पेड़ पर निर्भर।” “ना सिर्फ मेरा या पड़ोसी का, जंंगल है तो जीवन है हरContinue reading “जंगल में निवेश – कविता”

Maheshwar | महेश्वर

On the account of the important Indian festival, Mahashivaratri, I offer my prayer to Shiv Baba and Maa Parvati. It is their wedding day! Shiv bless you! ऊँ नमः शिवाय 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जटाधारी, त्रिशूलधारी, गंगाधर, अर्धनारीश्वर, तुमको मेरा प्रणाम है शत् शत्, तुम ईशों में महेश्वर। त्रिपुरारी, त्रिनेत्रधारी, शशिशेखर, तारकेश्वर, तुम सबसे भोले भगवन, तुम कल्याणContinue reading “Maheshwar | महेश्वर”

हर शहर की… 

~~~~~~ हर शहर की अपनी मजबूरी होती है, हर शहर की अपनी कमज़ोरी। शहर की मुस्कुराहटों​ को उसकी अच्छी किस्मत मत समझो, समझो की शहर में हिम्मत है, अपने आंसुओ को छुपाने की क्योंकि हर शहर की अपनी मजबूरी होती है, शहर कभी अपनी कह जाता है, कभी चुप भी रह जाता है। उसकी चुप्पीContinue reading “हर शहर की… “