तुमको कैसे पाऊं?

बिना खुद को खोए तुम में, तुमको कैसे पाऊं? तुम हो मेरी जान शरीर में, दूर कैसे जाऊं? तुमसे मैंने सीखा, दु:ख में भी धीरज रखना। तुम जीवन का सच, झूठ कैसे बताऊं? तुम बन गए सहारा, खुशियों की आई बहार। पर लगा सब भ्रम है, पर ये कैसे कह पाऊँ?