जंगल में निवेश – कविता

भोली भाली चीची आई, डरते डरते मां को समाचार बताई— “जिस पेड़ पर रहते हैं हम, जिस पर खाते, खेला करते हरदम, उस पेड़ को काटेगा कोई।” कहते-कहते खूब वो रोई। चीची की मांँ गई थोड़ी डर, बोली, “परिवार है पेड़ पर निर्भर।” “ना सिर्फ मेरा या पड़ोसी का, जंंगल है तो जीवन है हरContinue reading “जंगल में निवेश – कविता”

Hindi poem: वो भी घर था, ये भी घर है

Poem a/v Please click the link below to listen to the poem. A comparison of old and new home!😀🏡 सुनकर लाइक का बटन दबाना न भूलें। धन्यवाद। वो भी घर था, ये भी घर है

Maheshwar | महेश्वर

On the account of the important Indian festival, Mahashivaratri, I offer my prayer to Shiv Baba and Maa Parvati. It is their wedding day! Shiv bless you! ऊँ नमः शिवाय 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 जटाधारी, त्रिशूलधारी, गंगाधर, अर्धनारीश्वर, तुमको मेरा प्रणाम है शत् शत्, तुम ईशों में महेश्वर। त्रिपुरारी, त्रिनेत्रधारी, शशिशेखर, तारकेश्वर, तुम सबसे भोले भगवन, तुम कल्याणContinue reading “Maheshwar | महेश्वर”

तुमको कैसे पाऊं?

बिना खुद को खोए तुम में, तुमको कैसे पाऊं? तुम हो मेरी जान शरीर में, दूर कैसे जाऊं? तुमसे मैंने सीखा, दु:ख में भी धीरज रखना। तुम जीवन का सच, झूठ कैसे बताऊं? तुम बन गए सहारा, खुशियों की आई बहार। पर लगा सब भ्रम है, पर ये कैसे कह पाऊँ?